• सुप्रीम कोर्ट का फैसला सराहनीय निर्देश ,जहाँ हों प्रवासी मजदूर वहां राशन उन्हें लाभ मिले- डॉ आसिफ

    एस सी  का  1 नेशन 1 राशन कार्ड का आदेश  शक्तिशाली  भारत बनाएगा –  माइनॉरिटीज़ फ्रंट

    sm-asif-pixनई दिल्ली – ऑल इंडिया माइनॉरिटीज़  फ्रंट के अध्यक्ष डॉ सैयद मोहम्मद आसिफ ने सभी प्रवासी मजदूरों को राशन दिए जाने और देश  में एक हर नागरिक का एक राशन कार्ड होने का निर्देश दे कर शक्तिशाली  भारतवर्ष बनाने का सराहनीय निर्देश दिया है. उन्होंने कहा की यह निर्णय देश की अर्थव्यवस्था को स्थायी रूप से शक्ति प्रदान करेगा।

    डॉ आसिफ ने यहाँ जारी बयान में कहा कि पिछले 1 से कोरोना महामारी  केचलते करोड़ों मजदूर बेरोजगार हो गए. उनके सामने पेट भरना एक बड़ी समस्या बन गई है,  सुप्रीम कोर्ट ने देश की इस अति गंभीर समस्या की ओर धयान देकर देश की आतंरिक सुरक्षा के लिए महती कार्य किया है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश    मजदूरों को राहत देने वाला है। इसकी जितनी भी सराहना की जाए कम है.

    डॉ आसिफ ने कहा कि  सुप्रीम कोर्ट ने  आदेश में साफ तौर पर कहा है के 31 जुलाई तक एक नेशन एक राशन कार्ड पूर्ण रूप से पूरे भारत में लागू किया जाए. प्रवासी मजदूर जहां भी हो सरकार की ओर से दी जाने वाली राशन का उन्हें लाभ मिले। अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि जब तक कोविड-19 भारत में पूर्ण रूप से समाप्त नहीं हो जाता इन प्रवासी मजदूरों को मुफ्त राशन दिया जाए.  डॉ आसिफ ने कहा किअपने अपने कार्यस्थलों से  मजदूरोंके पलायन ने भी अर्थव्यवस्था के सामने बड़ी चुनौती कड़ी कर दी है. क्योंकि उत्पादन करने और व्यापार को गति देने वाले हाथ नहीं उपलध होने पर यह दोनों कार्य शून्य पर पहुँच जाते हैं. कहना न होगा कृषि और उद्योग बिना मजदूरों के नहीं चल सकते।  और भूखे पेट मजदूर अर्थव्यवस्था में योगदान की स्तिथि में नहीं रह सकता।

    उन्होंने कहा कि पहली लहर में जिस प्रकार लॉकडाउन के बाद सैकड़ों हजारों मील का सफर कर भूखे प्यासे पैदल चलकर घर लौटे। बहुत सारे लोगों की  घर लौटने के क्रम में मृत्यु हो गई. सरकार की ओर से रास्ते में खाने पीने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई, लेकिन जगह जगह पर समाजसेवियों ने उनके खाने की व्यवस्था की. विदेशी में   हमारी   बदनामी हुई।

    माईनोरिटीज़ फ्रंट के नेता ने कहा कि  देर आयद  दुरस्त आयद  , लेकिन  सुप्रीम कोर्ट का फैसला प्रवासी मजदूरों के लिए लाभदायक है पिछले 1 साल पूर्व आई कोविड-19 के पहली लहर से लेकर कोरोना की दूसरी लहर जो अभी तक पूर्ण रूप से समाप्त नहीं हुई है. इस बीच में करोड़ों मजदूर छोटे व्यवसाई बेरोजगार हो गए 3 करोड़ मध्यम वर्ग के लोग गरीबी रेखा में शामिल हो गए. लोगों की क्रय शक्ति कम होने के कारण देश की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई. वहीं अमेरिका जैसे कई देशों में कोरोना काल के बीच वहां की जनता की स्थिति मैं काफी सुधार आया जिससे देश की आर्थिक स्थिति वैसी खराब नहीं हुई. जैसे भारत में हो गया है इसका मूल कारण यह था के 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देने की केंद्र सरकार ने घोषणा की, जिनका 2010 के पूर्व राशन कार्ड बना   उन्हें तो लाभ मिला, लेकिन जिसके पास राशन कार्ड नहीं था इस योजना का लाभ नहीं मिला पैसा नहीं रहने के कारण लोगों की क्रय  शक्ति ना के बराबर रह गई.

    फ़िलहाल सबको राशन देने के लिए सरकारी तौर पर केंद्रीय सरकार या राज सरकार के पास कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है. जब के अमेरिका में हर महीने यह आंकड़ा पेश किया जाता है कि कितने लोग बेरोजगार हैं और कितने लोग रोजगार से जुड़ गए. अमेरिका का यह इकोनॉमिक्स डाटा वेबसाइट पर जाकर कोई भी खोल कर देख सकता है.

    डॉ आसिफ इ कहा कि  हमारी पार्टी मांग करती है क्या केंद्र और राज्य सरकार भी प्रत्येक 3 महीने के बाद बेरोजगारी का डाटा वेबसाइट पर लोड करे 2010 जनगणना के बाद जिन लोगों का राशन कार्ड नहीं बना है या जिन लोगों का राशन कार्ड में नाम नहीं जुड़ा है. सभी राज्य सरकार उनका नाम जोड़े कितने प्रवासी मजदूर अपने राज्य से दूसरे राज्य में जाकर मजदूरी कर रहे हैं वह भी डाटा सार्वजनिक करे इससे यह साफ हो जाएगा कि  कौन से राज्य ने अपने यहां रोजगार के कितने अवसर पैदा किया केवल कागज पर विकास दिखा देने से विकास नहीं होता यही कारण है  कि  लालच प्रलोभन देकर कई पार्टियां वोट खरीद लेती है लेकिन लोगों की बेरोजगारी और गरीबी वही की वही बनी रहती है.

  • سپریم کورٹ کا فیصلہ قابل تحسین ہدایت ، جہاں بھی مہاجر مزدور ہوں انہیں راشن کا فائدہ ملنا چاہئے : ڈاکٹرآصف

    ایس سی کا 1 نیشن 1 راشن کارڈ حکم طاقتور ہندوستان بنائے گا :آل انڈیا مائنارٹیزفرنٹ

    sm-asif-pixنئی دہلی30جون
    آل انڈیا مائنارٹیزفرنٹ کے صدر ڈاکٹر سید محمد آصف نے تمام تارکین وطن مزدوروں کو راشن دینے کی ہدایت کرتے ہوئے اور ملک میں ہر شہری کو ایک راشن کارڈ رکھنے کی طاقتور بھارت ورش بنانے کی قابل ستائش ہدایات دیں۔ انہوں نے کہا کہ اس فیصلے سے ملکی معیشت کو مستقل استحکام ملے گا۔

    ڈاکٹرآصف نے یہاں جاری ایک بیان میں کہا ہے کہ گذشتہ 1 سال سے کرونا کی وبا کی وجہ سے کروڑوں مزدور بے روزگار ہوگئے ہیں۔ پیٹ بھرنا ان کے سامنے ایک بہت بڑا مسئلہ بن گیا ہے ، سپریم کورٹ نے ملک کے اس انتہائی سنگین مسئلے پر دھیان دے کر ملکی داخلی سلامتی کے لئے بہت بڑا کام کیا ہے۔ سپریم کورٹ کا حکم کارکنوں کو ریلیف دینے جا رہا ہے جس کی جتنی بھی تعریف کی جائے کم ہے۔
    ڈاکٹر آصف نے کہا کہ سپریم کورٹ نے اس حکم میں واضح طور پر کہا ہے کہ

    31 جولائی تک پورے ہندوستان میں ون نیشن ون راشن کارڈ کو مکمل طور پر نافذ کیا جانا چاہئے۔ جہاں بھی مہاجر مزدور ہوں انہیں حکومت کی طرف سے دئے گئے راشن کا فائدہ اٹھانا چاہئے۔ اپنے حکم میں سپریم کورٹ نے یہ بھی کہا ہے کہ ان مہاجر مزدوروں کو مفت راشن دیا جائے جب تک کہ ہندوستان میں کوویڈ19 کا مکمل طور پر خاتمہ نہیں ہوجاتا۔ ڈاکٹر آصف نے کہا کہ مزدوروں کو ان کے متعلقہ کام کی جگہوں سے نقل مکانی نے بھی معیشت کے سامنے ایک بڑا چیلنج کھڑا کیا ہے۔ کیونکہ جب کاروبار تیار کرنے اور تیز کرنے کے لئے ہاتھ دستیاب نہیں ہوتے ہیں تو یہ دونوں کام صفر تک پہنچ جاتے ہیں۔ یہ کہنے کی ضرورت نہیں ہے کہ زراعت اور صنعت محنت مزدوری کے بغیر نہیں چل سکتی اور فاقہ کشی میں مبتلا مزدور معیشت میں حصہ ڈالنے کی پوزیشن میں نہیں رہ سکتا۔

    انہوں نے بتایا کہ پہلی لہر میں لاک ڈاو ¿ن کے بعد سیکڑوں ہزاروں میل کا سفر طے کرنے کے بعد بھوکا پیاسا پیدل اپنے گھر لوٹا۔ گھر واپس آتے ہوئے بہت سے لوگوں کی موت ہوگئی۔ حکومت کی طرف سے راستے میں کھانے پینے کا کوئی انتظام نہیں کیا گیا تھا لیکن سماجی کارکنوں نے جگہ جگہ اپنے کھانے کے انتظامات کیے تھے، بیرون ملک میں ہمار بدنامی ہوئی ۔

    آل انڈیا مائنارٹیزفرنٹ کے رہنما نے کہا کہ دیر آئد درست آئد ، لیکن سپریم کورٹ کا فیصلہ تارکین وطن مزدوروں کے لئے فائدہ مند ہے۔ اس دوران کروڑوں مزدور ، چھوٹے تاجر بے روزگار ہوگئے ، درمیانی طبقے کے 3 کروڑ افراد غربت کی لکیر میں شامل ہوگئے۔ لوگوں کی قوت خرید کم ہونے کی وجہ سے ملک کی معاشی حالت خراب ہوگئی۔ اسی دوران امریکہ جیسے بہت سے ممالک میں کورونا دور کے دوران وہاں کے لوگوں کی حالت بہت بہتر ہوئی جس کی وجہ سے اس ملک کی معاشی حالت اس طرح خراب نہیں ہوئی جیسا کہ ہندوستان میں ہوا ہے ۔ اس کی بنیادی وجہ یہ تھی کہ مرکزی حکومت نے 80 کروڑ لوگوں کو مفت راشن دینے کا اعلان کیا جن کو 2010 سے پہلے راشن کارڈز ملنے کا فائدہ ملا تھا لیکن جن کے پاس راشن کارڈ نہیں تھے ان کو فائدہ نہیں ہوا۔ رقم کی کمی کی وجہ سے لوگوں کی قوت خرید نہ ہونے کے برابر رہی۔

    فی الحال ہر ایک کو راشن دینے کے لئے مرکزی حکومت یا راج سرکار کے پاس باضابطہ طور پر کوئی اعداد و شمار دستیاب نہیں ہیں۔ جب امریکہ میں ہر ماہ یہ اعداد و شمار پیش کیے جاتے ہیں کہ کتنے لوگ بے روزگار ہیں اور کتنے افراد روزگار میں شامل ہوئے ہیں۔ کوئی بھی ویب سائٹ ملاحظہ کرکے امریکہ کے معاشی اعداد و شمار کو کھول سکتا ہے اور دیکھ سکتا ہے۔

    ڈاکٹر آصف نے کہا کہ ہماری پارٹی مطالبہ کرتی ہے کہ آیا مرکزی اور ریاستی حکومت بھی ہر 3 ماہ بعد ویب سائٹ پر بے روزگاری کا ڈیٹا لوڈ کرے ، 2010 کی مردم شماری کے بعد جن لوگوں کا راشن کارڈ نہیں بنایا گیا ہے یا جن کا نام شامل نہیں کیا گیا ہے تمام ریاستی حکومت اپنے نام شامل کریں ، کتنے مہاجر مزدور اپنی ریاست سے دوسری ریاست میں کام کررہے ہیں اس کو بھی اعداد و شمار کو عام کرنا چاہئے ۔ اس سے یہ بات واضح ہوجائے گی کہ کس ریاست نے ترقی کا مظاہرہ کرکے اپنے حق میں روزگار کے کتنے مواقع پیدا کیے ہیں۔ صرف کاغذ پرکوئی ترقی نہیں ہوتی ، یہی وجہ ہے کہ بہت ساری پارٹیاں لالچ دے کر ووٹ خریدتی ہیں لیکن لوگوں کی بے روزگاری اور غربت جوں کا توں بنی رہتی ہے۔

  • कोरोना की तीसरी लहर की दस्तक , बचाव के लिए सरकार जल्द ले निर्णय – डॉ आसिफ

    तीन राज्यों में कोरोना का नया स्ट्रेन डेल्टा प्लस वैरीअंट संक्रमित पाए गए जो काफी घातक है अमरीका ने भी चेतावनी दी है  ऑल इंडिया माइनॉरिटी फ्रंट

    dr-sm-asifनई दिल्ली।  ऑल इंडिया माइनॉरिटी फ्रंट के अध्यक्ष  डॉ सैयद मोहम्मद आसिफ ने कहा कोरोना की तीसरी लहर ने भारत में दस्तक  दे दी   है. भारत के 3 राज्य महाराष्ट्र तमिल नाडु और केरला में डेल्टा वैरीअंट के 20 से अधिक मरीजों की पुष्टि हो चुकी है. जिसमें एक 4 साल का बच्चा भी है।  चार लोगों की मौत भी हो चुकी है। अल्फा वेरिएंट से 60 गुना चीनी से डेल्टा वेरिएंट तेजी से फैलने की संभावना जताई गई है। इसलिये  केंद्र और राज्य सरकारों को मौजूदा तैयारियों को मज़बूती प्रदान करते हुए इस नयी महामारी के प्रति कमर कास लेनी चाहिए।

    डॉ आसिफ नेबताया कि अमेरिका ने भी डेल्टा वेरिएंट को काफी घातक माना गया है. कुछ चिकित्सा विश्लेषकों ने इसे इतना खतरनाक बता रहे हैं के जिसे सुनकर लोगों को पैर की जमीन खिसक जाएगी या कोरोना  के पहले वैरीअंट से 60% अधिक तेजी से फैलता है.  डेल्टा वेरिएंट इम्यूनिटी सिस्टम को भी चकमा दे सकता है और लोगों कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं.  डेल्टा वैरीअंट को सही समय पर कंट्रोल नहीं किया गया तो यह बहुत खतरनाक होगा। इसकी चेतावनी अमेरिका के डॉक्टर विशेषज्ञ ने दी है.

    डॉ आसिफ ने कहा कोरोना की पहली लहर जो भारत में आई वह चीन से आई जिसके कारण पहली और दूसरी लहर में लाखों लोगों ने अपनी जान गवा दी परंतु तीसरी लहर भारत के अंदर से ही आएगी तीसरी लहर की आने का जिम्मेदार हम खुद होंगे कारण है.   अनलॉक होते ही कोरोना को  लेकर भारत सरकार की ओर से जो दिशा निर्देश जारी किया गया है, उसका पूरी मुस्तैदी से पालन  नहीं हो रहा है।  देश अनलॉक होते ही   अनेक राज्यों में बिना मास के भीड़ देखी जा रही है. एम्स के डॉक्टर गुलेरिया की ओर  से चेतावनी दी गई है के 4 से 8 सप्ताह के बीच कोरोना की तीसरी लहर आ जाएगी लोगों की लापरवाही के अगर हम और सरकार लापरवाह बने रहे तो समय से पहले ही लोगों को इसका सामना करना पड़ सकता है.

    डॉ आसिफ ने कहा कि  हमारी पार्टी भारत सरकार से मांग करटी है कि  जो टीकाकरण का अभियान चला है टीकाकरण के बाद दूसरे डोज के लिए जो 12 से 16 हफ्ते का समय दिया जा रहा है. उसका समय कम किया जाए. अस्पतालों में बच्चों के लिए बेड अस्पतालों में दवा ऑक्सीजन वेंटिलेटर कि जल्द से जल्द उचित व्यवस्था की जाए. लोगों के बिना मास्क लगाए बाहर निकलने वालों और सोशल डिस्टेंसिंग का मजाक बनाने वालों पर नजर रखी जाए आवश्यकता के अनुसार समय से पूर्व डॉक्टर और वेंटीलेटर ऑपरेटर और स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति की जाए कोरोना की दूसरी लहर मैं संक्रमित होने वाले 15 मई को सैंपल लिया गया था.

    उन्होंने कहा कि  डेल्टा वैरीअंट का शिकार होने वाले उन्हीं लोगों में से अधिक हैं. कोरोना टीकाकरण मैं तेजी लाई जाए कोरोना वैक्सीन की कमी ना हो 21 जून को महा टीकाकरण के अवसर पर 1 दिन में रिकॉर्ड 82 लाख से अधिक लोगों ने कोरोना का का टीका दिया। केवल मध्यप्रदेश में 17 लाख लोगों ने उस दिन टीका लगवाया इसमें भी बड़ा खेल देखने को मिला 14 जून से लेकर 20 जून तक टीकाकरण की रफ्तार बहुत धीमी कर दी गई प्रतिदिन औसतन 1 लाख 50 हजार के करीब टीकाकरण हुआ 14 जून से कम होते होते 19 जून को  6 हजार लोगों का टीकाकरण हुआ परंतु 21 जून को यह बढ़कर मध्यप्रदेश में 17 लाख तक पहुंच गया 21 जून के बाद 22 जून को इसमें भारी कमी आई पूरे भारत में केवल 50 से 52 लाख लोगों का ही टीकाकरण हुआ क्या सरकार और स्वास्थ्य कर्मी के लापरवाही के कारण या कोरोना वैक्सीन की कमी के कारण इतनी गिरावट हुई सरकार को स्पष्ट करना चाहिए।

    डॉ आसिफ ने कहा 4 दिन पूर्व मैंने अपने बयान में कहा था के कोरोना टीकाकरण पर सरकार को नजर बनाए रखना चाहिए कहीं फर्जीवाड़ा टीकाकरण ना हो आज मालूम हुआ के फर्जी टीकाकरण करने वालों पर 3एफआईआर दर्ज हुई है   हमने जो शंका व्यक्त की वह सही साबित हुई  हमारी पार्टी  सरकार से मांग करती है के कोरोना के डेल्टा वैरीअंट से बचाव के लिए पूर्ण रूप से व्यवस्था की जाए. संक्रमण तेजी से ना फैले सरकार को इस पर नजर बनाए रखनी चाहिए

  • کورونا کی تیسری لہر کی دستک ،بچاو کے لئے جلد لے فیصلہ : ڈاکٹر آصف

    تین ریاستوں میں کورونا کا نیا اسٹرین ڈیلٹا پلس ویرینٹتاثر پایا گیا جو کہ کافی مہلک ہے ، امریکہ نے بھی کیا ہے متنبہ:آل انڈیا مائنارٹیزفرنٹ

    dr-sm-asifنئی دہلی24جون
    آل انڈیا مائنارٹیزفرنٹ کے صدر ڈاکٹر سید محمد آصف نے کہا کہ کورونا کی تیسری لہر نے ہندوستان میں دستک دے دی ہے۔ بھارت کی تین ریاستوں ، مہاراشٹرا ، تمل ناڈو اور کیرالہ میں ڈیلٹا مختلف قسم کے 20 سے زیادہ مریضوں کی تصدیق ہوگئی ہے جس میں ایک 4 سال کا بچہ بھی شامل ہے اور چار افراد کی موت بھی ہوئی ہے۔ ڈیلٹا مختلف حالت میں الفا مختلف حالت سے 60 گنا زیادہ تیزی سے پھیلنے کی پیش گوئی کی گئی ہے۔ اس لئے موجودہ تیاریوں کو مضبوط بناتے ہوئے مرکزی اور ریاستی حکومتوں کو اس نئے وبا کے خلاف ایک موقف اپنانا چاہئے۔

    ڈاکٹر آصف نے بتایا کہ امریکہ نے بھی ڈیلٹا کی مختلف حالتوں کو کافی مہلک سمجھا ہے۔ کچھ طبی تجزیہ کار اس کو اتنا خطرناک قرار دے رہے ہیں کہ اس کی سماعت سے لوگ زمین سے کھسک جائیں گے یا کورونا کی پہلی شکل سے 60 فیصد تیزی سے پھیل جائیں گے۔ ڈیلٹا کی مختلف حالت مدافعتی نظام کو بھی بھٹکا سکتی ہے اور لوگ کرونا سے متاثر ہوسکتے ہیں۔ اگر صحیح وقت پر ڈیلٹا کی مختلف حالتوں پر قابو نہیں پایا گیا تو یہ بہت خطرناک ہوگا۔ امریکہ کے طبی ماہر نے اس بارے میں خبردار کیا ہے۔

    ڈاکٹر آصف نے کہا کہ ہندوستان میں آنے والی کورونا کی پہلی لہر چین سے آئی تھی جس کی وجہ سے پہلی اور دوسری لہر میں لاکھوں افراد اپنی جانوں سے ہاتھ دھو بیٹھے لیکن تیسری لہر ہندوستان کے اندر سے آئے گی اور ہم خود اس کے ذمہ دار ہوں گے۔ تیسری لہر کی آمد جیسے ہی یہ کھلا ہے ، حکومت ہند کی جانب سے کورونا کے بارے میں جاری کردہ رہنما خطوط کی تندہی سے عمل نہیں کیا جارہا ہے۔ جیسے ہی یہ ملک کھلا ہے بہت سے ریاستوں میں بغیر ماسک کے ہجوم نظر آرہا ہے۔ ایمس کے ڈاکٹر گلیریا نے متنبہ کیا ہے کہ کورونا کی تیسری لہر 4 سے 8 ہفتوں کے درمیان آئے گی ۔ اگر ہم اور حکومت لوگوں سے لاپرواہ رہے تو لوگوں کو وقت سے پہلے ہی اس کا سامنا کرنا پڑے گا۔

    ڈاکٹر آصف نے کہا کہ ہماری پارٹی نے حکومت ہند سے مطالبہ کیا ہے کہ ویکسی نیشن مہم شروع کی گئی ہے اس ویکسینیشن کے بعد دوسری خوراک دی جارہی ہے جو 12 سے 16 ہفتے کا وقت دیا جارہا ہے اس کا وقت کم کیا جائے۔ اسپتالوں میں بچوں کے لئے بستروں ، دوائیوں کے آکسیجن وینٹیلیٹروں کے جلد از جلد مناسب انتظامات کیے جائیں۔ بغیر ماسک پہنے اور معاشرتی فاصلے کا مذاق اڑانے والے افراد کی نگرانی کی جانی چاہئے۔ ضرورت کے مطابق ڈاکٹروں اور وینٹیلیٹر آپریٹرز اور صحت کے کارکنوں کو وقت سے پہلے مقرر کیا جانا چاہئے ۔ کورونا کی دوسری لہر میں انفکشن ہونے کے لئے 15 مئی کو نمونے لئے گئے تھے۔

    انہوں نے کہا کہ ان لوگوں میں سے بھی بہت سے لوگ ہیں جو ڈیلٹا کی مختلف حالتوں کا شکار ہوجاتے ہیں۔ کورونا ویکسینیشن کو تیز کیا جائے اور کورونا ویکسین کی کمی نہیں ہونی چاہئے ۔ 21 جون کو مہا ویکسینیشن کے موقع پر 82 لاکھ سے زیادہ لوگوں نے 1 دن میں کورونا ویکسین دی۔ صرف مدھیہ پردیش میں اس دن 17 لاکھ لوگوںکا ویکسی نیشن ہوا، اس میں بھی ایک بڑا کھیل دیکھنے کو ملا۔ 14 جون سے 20 جون تک ویکسینیشن کی رفتار کو کم کیا گیا ۔ اوسطا روزانہ 1 لاکھ 50 ہزار ویکسین لگائے جاتے تھے جو 14 جون سے کم ہوتے ہوتے 19 جون کو 6 ہزار لوگوں کا ویکسی نیشن ہوا لیکن 21 جون کو مدھیہ پردیش میں یہ بڑھ کر 17 لاکھ ہوگئی ۔ 21 جون کے بعد 22 جون کو اس میں بہت بڑی کمی واقع ہوئی ۔ صرف پورے ہندوستان میں 50 سے 52 لاکھ افراد کا ویکسی نیشن ہوا۔حکومت کو یہ واضح کرنا چاہئے کہ حکومت کی غفلت کی وجہ سے ہے یا کورونا ویکسین کی کمی کی وجہ سے ہے۔

    ڈاکٹر آصف نے 4 دن پہلے اپنے بیان میں کہا تھا ، میں نے کہا تھا کہ حکومت کو کورونا ویکسی نیشن پر نگاہ رکھنی چاہئے ۔اگر کوئی جعلی ویکسی نیشن نہیں ہے تو آج پتہ چلا کہ جعلی ویکسی نیشن کے خلاف 3 ایف آئی آر درج کی گئی ہیں ۔ ہماری پارٹی کا حکومت سے مطالبہ ہے کہ کورونا کے ڈیلٹا کے مختلف حالتوں سے بچانے کے لئے مکمل انتظامات کیے جائیں۔ حکومت کو انفیکشن پر تیزی سے پھیل نہ جانے پر بھی نظر رکھنی چاہئے۔

  • मोदी जी जम्मू ,कश्मीर और लद्दाख़ में लोकतंत्र बहाल कीजिये – डॉ आसिफ

    22 महीने हो गए धारा 370 को हटाए जनता को दीजिये अपनी सरकार बनाने का अधिकार –  माइनोरिटीज फ्रंट

    SM-ASIF-....-pic..1नई दिल्ली। आल इंडिया माइनोरिटीज फ्रंट के अध्यक्ष डॉ सैयद मोहम्मद आसिफ ने कहा है  कि यह बड़े अचरज की बात हैं कि केंद्र सरकार 22 महीनों से जम्मू, कश्मीर और लद्दाख की जनता के लोकतांत्रिक अधिकार छीन रखे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इन राज्यों को अपनी सरकार बनाने से रोक रखा है। उन्हें हर हाल में अपनी चुनी लोकतांत्रिक सरकार बनाने का मार्ग प्रशस्त किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा देश के अन्य राज्यों के साथ एक बर्ताव और इन तीनों राज्यों के साथ सौतेला बर्ताव देश को मंजूर नहीं है।

    यहां जारी बयान में डॉ आसिफ ने बताया कि भारत सरकार ने 5 अगस्त 2019 को राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम २०१९ पेश किया था, जिसमें जम्मू कश्मीर राज्य से संविधान का अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य का विभाजन जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख के दो केंद्र शासित क्षेत्रों के रूप में करने का प्रस्ताव किया गया था।

    उन्होंने बताया कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष स्वायत्तता मिली थी।वहीं, 35A जम्मू-कश्मीर राज्य विधानमंडल को ‘स्थायी निवासी’ परिभाषित करने और उन नागरिकों को विशेषाधिकार प्रदान करने का अधिकार देता था। यह भारतीय संविधान में जम्मू-कश्मीर सरकार की सहमति से राष्ट्रपति के आदेश पर जोड़ा गया। आसिफ ने कहा कि इन सभी पुनर्गठित राज्यों में स्तिथि सामान्य है। लोग भारतीय संविधान से प्राप्त समस्त मौलिक अधिकारों का स्वच्छंद रूप में प्रयोग करना चाहते हैं।

    उन्होंने कहा कि पाक प्रायोजित हिंसक हमलों का बहाना बना कर देश की इतनी बड़ी आबादी के लोकतांत्रिक अधिकारों को छीनना अनुचित है।

    उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा बुलाई सर्वदलीय बैठक में जम्मू कश्मीर और लद्दाख में चुनाव मुख्य एजेंडा होना चाहिए। जितने भी राजनैतिक कार्यकर्ता व नेता नज़र बन्द या गिरफ्तार हैं उन्हें मुक्त किया जाना चाहिए। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ने सर्वदलीय शिखर बैठक बुलाई है। कांग्रेस सहित सभी दलों ने इसमें शामिल होने की बात कही है। उन्होने बताया  प्रधानमंत्री आवास पर ये बैठक शाम 4 बजे शुरू होगी। बैठक की अध्यक्षता पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे। उनके साथ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह मौजूद होंगे। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के उधमपुर से सांसद और केंद्रीय राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह इस बैठक में शामिल होंगे। वहीं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, होम सेक्रेटरी अजय भल्ला और प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा भी बातचीत की मेज पर मौजूद होंगे।

    जम्मू-कश्मीर से इनका प्रतिनिधित्व
    जम्मू-कश्मीर के प्रतिनिधियों के रूप में प्रदेश के सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को बुलाया गया है। इसमें नैशनल कॉन्फ्रेंस, पीपल्स डेमॉक्रेटिक पार्टी, पीपल्स कॉन्फ्रेंस, जेकेएपी, कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। बैठक में जम्मू-कश्मीर राज्य के चार पूर्व मुख्यमंत्रियों को आमंत्रण भेजा गया है। इसमें फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला और गुलाम नबी आजाद के नाम हैं। इसके अलावा सज्जाद लोन, अल्ताफ बुखारी, मोहम्मद युसूफ तारिगामी, निर्मल सिंह, कविंद्र गुप्ता सरीखे नेताओं को भी बुलाया गया है।

    जम्मू-कश्मीर के इन नेताओं को गृह सचिव की ओर से आमंत्रण दिया गया है। महबूबा मुफ्ती, फारूक अब्दुल्ला और कांग्रेस पार्टी के प्रतिनिधियों ने बैठक में शामिल होने को लेकर अपनी सहमति दे दी है। मंगलवार को कांग्रेस पार्टी ने बैठक के एजेंडे को लेकर पार्टी अध्यक्षा सोनिया गांधी, पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्रियों गुलाम नबी आजाद व पी. चिदंबरम के साथ बातचीत की। कांग्रेस ने कहा कि बैठक के एजेंडे को लेकर सभी नेताओं से बातचीत हुई है और कांग्रेस पीएम की सर्वदलीय मीटिंग में हिस्सा लेगी।

  • مودی جی جموں ، کشمیر اور لداخ میں جمہوریت بحال کیجئے: ڈاکٹر آصف

    22 ماہ ہوگئے ، آرٹیکل 370 کو ہٹائیں ، لوگوں کو اپنی حکومت بنانے کا حق دیں:اے آئی ایم ایف

    SM-ASIF-....-pic..1نئی دہلی23جون
    ڈاکٹر سید محمد آصف صدر آل انڈیا مائنارٹیزفرنٹ نے کہا کہ یہ بڑی حیرت کی بات ہے کہ مرکزی حکومت نے جموں ، کشمیر اور لداخ کے عوام کے جمہوری حقوق کو 22 ماہ سے چھین رکھا ہے۔ انہوں نے کہا کہ مرکزی حکومت نے ان ریاستوں کو اپنی حکومت بنانے سے روکا ہوا ہے۔ انہیں کسی بھی قیمت پر جمہوری طور پر منتخب حکومت کے قیام کا راستہ ہموار کرنا چاہئے۔ انہوں نے کہا کہ ملک کی دیگر ریاستوں کے ساتھ ایک سلوک اور ان تینوں ریاستوں کے ساتھ اقدام سلوک ملک کے لئے قابل قبول نہیں ہے۔

    یہاں جاری ایک بیان میں ، ڈاکٹر آصف نے کہا کہ ریاست ہند نے جموں و کشمیر تنظیم نو ایکٹ 2019 کو راجیہ سبھا میں 5 اگست 2019 کو متعارف کرایا ، جس میں ریاست جموں و کشمیر سے آئین کے آرٹیکل 370 کو ہٹانے اور ریاست کو جموں و کشمیر کے دو مرکزی علاقوں میں تقسیم کرنے کی تجویز پیش کی گئی۔

    انہوں نے نشاندہی کی کہ جموں و کشمیر کو ہندوستانی آئین کے آرٹیکل 370 کے تحت خصوصی خودمختاری حاصل ہوئی ہے۔جبکہ 35A نے جموں و کشمیر کی ریاستی مقننہ کو مستقل رہائشیوں کی تعریف اور ان شہریوں کو مراعات دینے کا اختیار دیا۔ حکومت جموں و کشمیر کے اتفاق رائے کے ساتھ صدر کے حکم پر اس کو ہندوستانی آئین میں شامل کیا گیا۔ آصف نے کہا کہ ان سب تنظیم نو ریاستوں میں صورتحال معمول ہے۔ لوگ ہندوستانی آئین سے حاصل کردہ تمام بنیادی حقوق آزادانہ طور پر استعمال کرنا چاہتے ہیں۔

    انہوں نے کہا کہ پاکستان کے زیر اہتمام پرتشدد حملوں کا بہانہ بنا کر ملک کی اتنی بڑی آبادی کے جمہوری حقوق چھیننا غیر منصفانہ ہے۔

    انہوں نے کہا کہ وزیر اعظم مودی کی طرف سے بلائے گئے جماعتی اجلاس میں جموں و کشمیر اور لداخ میں انتخابات کا مرکزی ایجنڈا ہونا چاہئے۔ ان تمام سیاسی کارکنوں اور رہنماو ¿ں کو جو قید میں ہیں یا گرفتار ہیں انہیں رہا کیا جانا چاہئے۔ موصولہ اطلاع کے مطابق وزیر اعظم مودی نے ایک جماعتی سربراہ اجلاس بلایا ہے۔کانگریس سمیت تمام جماعتوں نے اس میں شامل ہونے کی بات کی ہے۔

    انہوں نے بتایا کہ یہ اجلاس شام 4 بجے وزیر اعظم کی رہائش گاہ پر شروع ہوگا۔ وزیر اعظم نریندر مودی اس اجلاس کی صدارت کریں گے۔ ان کے ساتھ مرکزی وزیر داخلہ امت شاہ اور وزیر دفاع راج ناتھ سنگھ بھی ہوں گے۔ اس کے علاوہ جموں و کشمیر کے ادھم پور سے رکن پارلیمنٹ اور مرکزی وزیر مملکت جتیندر سنگھ اس اجلاس میں شرکت کریں گے۔ قومی سلامتی کے مشیر اجیت ڈووال ، ہوم سکریٹری اجے بھلہ اور وزیر اعظم کے پرنسپل سکریٹری پی کے مشرا بھی مذاکرات کی میز پر موجود ہوں گے۔

    ریاست کی تمام سیاسی جماعتوں کے نمائندوں کو جموں و کشمیر کے نمائندہ کی شکل میں بلایا گیا ہے۔ اس میں نیشنل کانفرنس ، پیپلز ڈیموکریٹک پارٹی ، پیپلز کانفرنس ، جے کے اے پی ، کانگریس اور بھارتیہ جنتا پارٹی کے نمائندے شرکت کریں گے۔ اس اجلاس کے لئے ریاست جموں و کشمیر کے چار سابق وزرائے اعلیٰ کو دعوت نامے بھیجے گئے ہیں۔ اس میں فاروق عبداللہ ، محبوبہ مفتی ، عمر عبداللہ اور غلام نبی آزاد کے نام ہیں۔ اس کے علاوہ سجاد لون ، الطاف بخاری ، محمد یوسف تاریگامی ، نرمل سنگھ ، کوویندر گپتا جیسے قائدین کو بھی بلایا گیا ہے۔

    جموں و کشمیر کے ان رہنماو ¿ں کو داخلہ سکریٹری نے مدعو کیا ہے۔ محبوبہ مفتی ، فاروق عبد اللہ اور کانگریس پارٹی کے نمائندوں نے اجلاس میں شرکت کے لئے اپنی رضامندی دے دی ہے۔ منگل کے روز کانگریس پارٹی نے پارٹی صدر سونیا گاندھی ، سابق وزیر اعظم ڈاکٹر منموہن سنگھ اور سابق مرکزی وزراءغلام نبی آزاد اور پی چدم برم سے ملاقات کے ایجنڈے کے بارے میں بات چیت کی۔ کانگریس نے کہا کہ اجلاس کے ایجنڈے کے حوالے سے تمام رہنماو ¿ں سے بات چیت ہوئی ہے اور کانگریس وزیر اعظم کے کل جماعتی اجلاس میں حصہ لے گی۔

  • कोरोना टीकाकरण को लेकर भ्रम फ़ैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई हो : डॉ आसिफ

    कोरोना से मुक्ति के लिए टीका महा अभियान को देश सफल बनाएगा : माइनॉरिटी फ्रंट

    sm-asif-pic1नई दिल्ली – भारत के कई भागों से फर्जी टीकाकरण करने की सूचना मिली है, इन लोगों की कब होगी गिरफ्तारी  यह सवाल उठाते हुए ,  ऑल इंडिया माइनॉरिटीज़  फ्रंट के अध्यक्ष डॉक्टर सैयद मोहम्मद आसिफ ने कहा कि सर्कार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोरोना टीकाकरण के खिलाफ भ्रामक प्रचार करने वालों  पर सख्त कदम उठाये।  उन्होंने कहा की महामारी से सुरक्षित रहने के लिए टीकाकरण सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है।

    डॉ आसिफ ने यहाँ जारी बयां में कहा कि  21 जून – योग दिवस के अवसर पर महा टीका अभियान प्रारंभ किया गया है. प्रतिदिन 50 लाख से अधिक लोगों को टीकाकरण का लक्ष्य भारत सरकार ने रखा है. इस टीकाकरण अभियान में शत-प्रतिशत सफलता मिले। लोग कोरोना से सुरक्षित हो जाएं। उन्होंने कहा कि  ऑल इंडिया माइनॉरिटीज़  फ्रंट   इस अभियान का स्वागत करती।  हैं इस कोरोना टीका को लेकर जो मजाक उड़ाते हैं, गलत अफवाह फैलाते हैं चाहे वह धार्मिक नेता हो वैद्य हो चाहे जितने भी पहुंच रखने वाले हो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और जिन लोगों ने फर्जी तौर पर महाराष्ट्र वा अन्य जगहों पर कैंप लगाकर लोगों को टीका लगाया है, उनकी प्रारंभिक जांच से पता चला है के पैसे लेकर कोविड-19 वैक्सीन का डोज दिया गया. वाह संस्था फर्जी निकली।
    उन्होंने सचेत किया कि  फर्जी वैक्सीनेशन करने वाले लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं, जांच उपरांत फौरन ऐसे लोगों की गिरफ्तारी हो.

    उन्होंने बताया कि केंद्र सर्कार ने कहा है कि  75% कोरोना टीका सरकारी माध्यम से लोगों को दिया जाएगा और 25% प्राइवेट हॉस्पिटल या संस्था के द्वारा देने की बात कही गई है वाह 25% डोज 50% ना बन जाए उन्होंने टीका की जगह पैसा बनाने के चक्कर में उसकी जगह दूसरी दवाई ना दे दे. अगर टीकाकरण महाराष्ट्र सोसाइटी में यह घटना घटित नहीं होती तो कोरोना वैक्सीनेशन के फर्जी टीकाकरण को नहीं जान पाते हैं.

    डॉ आसिफ ने कहा इस कोरोना काल में यह देखने को मिला है के शत प्रतिशत लोगों पर विश्वास नहीं किया जा सकता लोग पैसा कमाने के लिए एक दूसरे का जीवन का सौदा करते हुए नजर आए. मां बाप और भगवान का भी लोग सौदा कर रहे हैं. ऐसे लोगों की आत्माएं मर चुकी है बिहार से लेकर उत्तराखंड यह कुंभ मेले में जिस तरह से पैसे के लिए फर्जी कोरोना टेस्ट का मामला सामने आया है. डर लगता है के कोरोना वैक्सीनेशन में भी फर्जीवाड़ा ना हो जाए. उन्होंने कहा कि।  हो सकता है जो कोरोना वैक्सीन का  विरोध कर रहे हैं या अफवाह के कारण कोरोना टीका लेने से डर रहे हैं पैसा लेकर उन्हें बिना टीकाकरण किए टीका लेने का प्रमाण पत्र भी जारी किया जा सकता है और भगवान ना करे ऐसे लोग कोरोनावायरस से संक्रमित होकर समाज के अन्य लोगों में फैलाने का काम करेंगे।

    डॉ आसिफ ने कहा  कि अगर यही सब होता रहा तो कोरोना टीकाकरण महाअभियान पूरा होने से पहले ही लोग तीसरी लहर की चपेट में सकते हैं.  हमारी पार्टी देशवासियों से अपील करती है के कोरोना महामारी से बचाव के लिए महा टीकाकरण अभियान को सफल बनाने के लिए एकजुट होकर प्रयास करें।

  • کوروناٹیکہ کاری کو لے کرافواہ پھیلانے والوں کےخلاف کارروائی ہو: ڈاکٹر آصف

    کورونا سے نجات دلانے کے لئے ملک ویکسین مہم کو کامیاب بنائے گا:اے آئی ایم ایف

    sm-asif-pic1نئی دہلی21جون
    ہندوستان کے متعدد علاقوں سے جعلی ویکسین کی اطلاع ملی ہے ، ان لوگوں کو کب گرفتار کیا جائے گا ۔ یہ سوال اٹھتے ہوئے آل انڈیا مائنارٹیزفرنٹ کے صدر ڈاکٹر سید محمد آصف نے کہا کہ حکومت کو یقینی بنانا چاہئے کہ کورونا ویکسینیشن کے خلاف گمراہ کن پروپیگنڈا کرنے والوں کے خلاف سخت کارروائی کرنی چاہئے ۔ انہوں نے کہا کہ ویکسین وبائی بیماری سے محفوظ رہنے کے لئے سب سے بڑی حفاظت ہے۔

    ڈاکٹر آصف نے یہاں جاری ایک بیان میں کہا ہے کہ 21 جون یوم یوگا کے موقع پر مہا ٹککا مہم شروع کردی گئی ہے۔ حکومت ہند نے روزانہ 50 لاکھ سے زائد افراد کو حفاظتی ٹیکے لگانے کا ہدف مقرر کیا ہے۔ اس ویکسینیشن مہم میں 100فیصد کامیابی حاصل ہو اور لوگ کورونا سے محفوظ رہیں۔ انہوں نے کہا کہ آل انڈیامائنارٹیزفرنٹ نے اس مہم کا خیرمقدم کرتی ہے ۔ جو لوگ اس کورونا ویکسین کا مذاق اڑاتے ہیں ، غلط افواہیں پھیلاتے ہیں ، چاہے وہ مذہبی رہنما ہوں یا ڈاکٹر ہوں ، جن لوگوں تک رسائی ہے اور جن لوگوں نے مہاراشٹرا یا دیگر مقامات پر جھوٹے طور پر کیمپ لگائے ہیں ان کے خلاف سخت کارروائی کی جانی چاہئے۔ ابتدائی تفتیش میں انکشاف ہوا ہے کہ کوویڈ 19 ویکسین کی خوراک رقم سے دی گئی تھی وہ تنظیم جعلی نکلی ہے ۔

    انہوں نے متنبہ کیا کہ جعلی ویکسین لگانے والے لوگوں کی زندگیوں سے کھیل رہے ہیں ، ایسے لوگوں کو تفتیش کے فورا بعد ہی گرفتار کیا جانا چاہئے۔

    انہوں نے بتایا کہ مرکزی حکومت نے کہا ہے کہ کورونا کی 75فیصد ویکسین سرکاری میڈیم کے ذریعے لوگوں کو دی جائے گی اور کہا جاتا ہے کہ 25فیصد نجی ہسپتال یا ادارہ دے گا ، وہ 25 فیصد خوراک نہیں بننی چاہئے ۔ انہوں نے ویکسین کے بجائے پیسہ کمایا ہے۔ دوسری دوا اس کی جگہ نہ دیں۔ اگر یہ واقعہ ویکسینیشن مہاراشٹر سوسائٹی میں نہیں ہوتا ہے تو کورونا ویکسی نیشن کی جعلی ویکسی نیشن کو نہیں جان پائے گی۔

    ڈاکٹر آصف نے کہا کہ اس کرونا دور میں یہ دیکھا گیا ہے کہ 100 فیصد لوگوں پر اعتماد نہیں کیا جاسکتا ، لوگ پیسہ کمانے کے لئے ایک دوسرے کی زندگیوں کے لئے سودے بازی کرتے نظر آتے ہیں۔ لوگ والدین اور خدا کے ساتھ بھی سودے بازی کر رہے ہیں۔ ایسے لوگوں کی روحیں فوت ہوچکی ہیں ، بہار سے اتراکھنڈ تک ، جس طرح پیسے کے لئے جعلی کورونا ٹیسٹ کا معاملہ کمبھ میلے میں سامنے آیا ہے۔ ایک خوف ہے کہ کرونا ویکسینیشن میں بھی کوئی دھوکہ دہی نہیں ہونی چاہئے۔

    انہوں نے کہا کہ ہوسکتا ہے کہ جو لوگ کورونا ویکسین کی مخالفت کر رہے ہوں یا افواہوں کی وجہ سے کورونا ویکسین لینے سے خوفزدہ ہوں ان کو بھی بغیر پیسے لئے ویکسین لینے کا سرٹیفکیٹ جاری کیا جاسکتا ہے اور خدا ایسے لوگوں کو کورونا وائرس سے متاثر ہونے سے بچائے گا۔ ڈاکٹر آصف نے کہا کہ اگر یہ سب کچھ اسی طرح جاری رہا تو کرونا ویکسی نیشن مہم مکمل ہونے سے پہلے ہی لوگ تیسری لہر کی گرفت میں ہوسکتے ہیں۔ ہماری پارٹی اہل وطن سے اپیل کرتی ہے کہ ویکسی نیشن مہم کو کامیاب بنانے کے لئے متحد ہو کر کوشش کریں تاکہ کورونا کی وبا کو روک سکیں۔

  • سپریم کورٹ میں یہ عرض ڈالنا کے کورونا کی وجہ سے مرنے والے سبھی لوگوں کو معاوضہ نہیں ملے گا افسوس ناک ہے: ایس ایم آصف

    کیا انہیں وجہوں سے مرکزی حکومت مرنے والوں کا صحیح اعدادوشمار نہیں بتا رہی ہے :آل انڈیا مائنارٹی فرنٹ

    sm-asif-picنئی دہلی20جون
    ایک بیان جاری کرتے ہوئے آل انڈیا مائنارٹی فرنٹ کے ڈاکٹر سید محمد آصف نے کہا یہ بہت افسوس ناک بات ہے کے کورونا وبا کا شکار ہوکر لاکھوں لوگوں نے صحت محکمہ اور حکومت کی لاپرواہی کے وجہ سے اپنی جان گنوا دی اور مرکزی حکومت کے کارندے سپریم کورٹ میں یہ درخواست پیش کرتے ہیں کے کے کورونا کا شکار ہوکر مرنے والے سبھی لوگوں کو معاوضہ نہیں دیا جا سکتا ہے یہ افسوسناک بات ہے

    ہم نے ایک ہفتہ قبل بھی اخبار میں دیے گئے بیان میں کہا تھا کہ حکومت مرنے والوں کی صحیح تعداد عوام کے سامنے پیش کرے سرکاری اعداد و شمار جو پیش کئے گئے ہیں اس سے دس گناہ سے زیادہ لوگوں کی اموات ہوئی ہے میں نے حکومت سے دریافت کیا تھا کہ مرنے والے کے لواحقین کو معاوضہ دینے کے ڈر سے مرنے والوں کی صحیح اعداد و شمار چھپائی جارہی ہے میرا اندازہ صحیح نکلا حکومت کے کارندے نے سپریم کورٹ میں کہا کہ کہ اگر کورونا سے مرنے والے سبھی لواحقین کو معاوضہ دیا جائے گا تو آپ دا فنڈ خالی ہو جائے گا فنڈ میں اتنی رقم نہیں ہے

    ڈاکٹر آصف نے کہا پچھلے سال کورونا کا آغاز ہوتے ہی کئی فنڈ بنائے گئے تھے وزیراعظم کیئر فنڈ میں کروڑوں روپیہ لوگوں نے چندہ کی شکل میں دیا تھا وہ پیسہ کس مصرف میں خرچ ہوا جواب دے حکومت کورونا کی دوسری لہر میں مرنے والوں کا صحیح اعداد و شمار حکومت منظر عام کرے اور ان کے لواحقین کو کم سے کم دس لاکھ روپیہ معاوضہ دے ایک فرد کو سرکاری نوکری دے اور جن کے والدین گزر گئے ہیں اٹھارہ سال ہونے تک ہر ماہ پانچ ہزار روپیہ مہینہ اور تعلیم کا مفت انتظام کرے اگر آپ دا فنڈ میں کچھ پیسے کی کمی ہے تو پٹرولیم اشیا سے سے ہونے آمدنی کا کچھ حصہ ان کی مدد کے لیے مخصوص کرے کیوں کے حکومت اور صحت محکمہ کی لاپرواہی سے لوگوں کی موت ہوئی ہے

    حکومت اپنی ذمہ داری سے سپریم کورٹ میں عرضداشت پیش کر معاوضہ دینے سے دامن نہ جھاڑے جب آپ دا فنڈ میں پیسے کی کمی ہے تو کورونا کی تیسری لہر 4 سے 8 ہفتوں میں آغاز ہونے کا اندیشہ ظاہر کیا گیا ہے کیا اس تیسری لہر میں فنڈ نہیں ہونے کے سبب سب لوگوں کو زیادہ نقصان اٹھانا پڑے گا کورونا کی تیسری لہر سے بچنے کے لیے حکومت کیا انتظام کر رہی ہے عوام جاننا چاہتی ہے۔

  • तेल और पेट्रोलियम पदार्थ पर से एक्सरसाइज ड्यूटीफ़ौरन 50% कम करे सरकार : एस एम आसिफ

    पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से महंगाई सातवें आसमान पर, त्राहिमाम  : ऑल इंडिया माइनॉरिटी फ्रंट

    sm-asif-pic1नई दिल्ली – पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों पर  ऑल इंडिया माइनॉरिटी फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सैयद मोहम्मद आसिफ ने कहा है कि  तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से  खुदरा और थोक महंगाई दर में बेतहाशा बढ़ोतरी हो गई है.लॉक डाउन में बढ़ी कंगाली में पैट्रॉल के दाम में बढ़ोतरी से देश  त्राहिमाम कर उठा है।

    डॉ आसिफ ने यहाँ जारी बयान में  कहा कि  एक तो कोरोना महामारी लॉकडाउन के कारण लोगों का रोजगार छिन गया उपर से तेल की बढ़ती कीमतों के कारण लोग महंगाई की मार झेल रहे हैं. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पिछले 4 वर्षों से जब जब डीजल पेट्रोल का दाम मैं बढ़ोतरी हुई धर्मेंद्र प्रधान जी ने पेट्रोलियम से होने वाली सरकार की कमाई का खर्च जनकल्याण के ऊपर करने को बताया कभी बताया के पेट्रोल डीजल से होने वाली आमदनी का खर्च देश की सड़कों के लिए किया जा रहा है. कभी कहा के इसकी आमदनी रोजगार सृजन के लिए किए जा रहे हैं, कभी बयान दिया के इससे होने वाली आमदनी का खर्च केंद्र सरकार रेल हवाई जहाज में सफर करने वालों हवाई अड्डे और रेलवे प्लेटफार्म को आधुनिक बनाने के लिए खर्च किए जा रहे हैं. कभी उनका जवाब होता है कि  ठंड के कारण पेट्रोल की कीमत में उछाल आया है. ठंड कम होते ही पेट्रोल के दाम कम हो जाएंगे कभी कहते हैं कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमत में बढ़ोतरी हुई है, इसलिए तेल की कीमत मैं बढ़ोतरी हो रही कभी कहते हैं के पेट्रोल और डीजल पर बढ़ रहे कीमत  कंट्रोल करने का अधिकार केंद्र सरकार को नहीं है.

    उन्होंने कहा कि सरकार अब बहाने बनाने से बाज़ आये।    बहाने सुन सुनकर लोग उब चुके हैं, जब विपक्षी पार्टियां पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों पर आवाज उठाते हैं तो धर्मेंद्र प्रधान   का जवाब होता है कि  कांग्रेस पार्टी महाराष्ट्र पंजाब छत्तीसगढ़  राजस्थान में अपने सरकार से वेट कम करने के लिए क्यों नहीं कहती पेट्रोल के दाम अपने आप कम हो जाएंगे। अगर केंद्र सरकार अपने एक्सरसाइज ड्यूटी और टैक्स को कुछ कम कर दे तो बढ़ते तेल की कीमतों से लोगों को महंगाई में राहत मिलेगी।

    उन्होंने कहा कि  2014 में जितना एक्सरसाइज ड्यूटी पेट्रोल और डीजल पर लगा हुआ था. उस हिसाब से वसूल करे तो लोगों को महंगाई से राहत मिल जाएगी पेट्रोल और डीजल पर टैक्स लगाकर 2013-14 में 52,537 करोड़ रुपया मुनाफा हुआ वही 2019-20 में बढ़कर  2,13 लाख करोड़ रुपया हो गया 2020-21 में 2,94 लाख करोड़ों रुपया हो गया. धर्मेंद्र प्रधान   ने ताजा बयान दिया है के कोरोना वैक्सीन के लिए  35 हजार करोड़ रुपया का बजट रखा गया है. उस पर खर्च किया जा रहा है   वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना वैक्सीन पर खर्च किए जाने वाले बजट की भरपाई करने में  पेट्रोल डीजल से प्राप्त पैसे को खर्च किया जाएगा सदन में ऐसा नहीं कहा, एक्सरसाइज टैक्स में  83% की बढ़ोतरी हो गई. यही पेट्रोलियम धर्मेंद्र प्रधान जी ने सितंबर 2017 में कहा था कि  जीएसटी लागू हो जाने के बाद केवल एक टैक्स लगेगा जिससे पेट्रोल की कीमत में भारी कमी आ जाएगी। जबकि उन्हीं के पार्टी के   नेता कहते हैं कि अभी 10 सालों तक पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा जाएगा।

    डॉ आसिफ ने कहा राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि देश की आर्थिक स्थिति चरमरा गई है पिछले 7 सालों में धीरे धीरे आमदनी के स्रोत बंद होते चले गए. उस आर्थिक स्थिति को संभालने के लिए ही लोगों पर महंगाई का मार डाल कर पेट्रोल और डीजल से कमाई की जा रही है. आज देश की आर्थिक स्थिति नाजुक दौर से गुजर रही  है. देश को अभी कृषि और पेट्रोल ही का सहारा है. हमारी पार्टी मांग करती है के सरकार  और पेट्रोलियम पदार्थ पर से एक्सरसाइज ड्यूटी 50% कम कर दें लोगों को महंगाई से राहत मिल जाएगी