ताजा रिपोर्ट के अनुसार पिछले 1 साल में प्रशासन द्वारा 227 लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ13 हत्या हुई: ऑल इंडिया माइनॉरिटी फ्रंट
नई दिल्ली – एक बयान जारी करते हुए ऑल इंडिया माइनॉरिटी फ्रंट के डॉ सैयद मोहम्मद आसिफ ने कहा ताजा रिपोर्ट जो प्रकाशित हुई है उसके अनुसार सरकार और प्रशासन की ओर से 227 पत्रकारों पर मुकदमा दर्ज हुआ और 13 हत्याएं हुई जिसमें सरकार और प्रशासन ने इन पत्रकारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है अभी भी बहुत सारे पत्रकार जेल में बंद है इनका कसूर यह है के इन लोगों ने सरकार की नीति के खिलाफ लिखा या उत्तर प्रदेश राज्य में कोरोना काल में सरकार द्वारा लोगों को जो चावल वितरित हो रहे थे वह सड़े हुए थे इसी राज में स्कूल में बच्चों को मिड डे मील में नमक रोटी दे देने के समाचार को चलाने और दिखाने के कारण गिरफ्तारी हो गई कई पत्रकारों पर देशद्रोही जैसे संगीन मुकदमे दर्ज कर जेल में बंद कर दिया गया जिन माफियाओं के खिलाफ पत्रकारों ने आवाज उठाई उन पत्रकारों की हत्या कर दी गई पत्रकार लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है
राजनीतिक विश्लेषक का मानना है के जो भी पत्रकार सरकार के नीतियों के विरुद्ध आवाज उठाता है उसकी आवाज को दबाने के लिए जेल में डाल दिया जाता है आज देश में अघोषित आपातकाल की स्थिति बनी हुई है बहुत सारे मीडिया कर्मी सरकार के गलत नीतियों का खुलेआम समर्थन करते हैं कुछ समाचार पत्रों और टीवी चैनल को छोड़कर समाचार पत्र हो या टीवी चैनल वही समाचार देखने या पढ़ने को मिलता है जो सरकार के हित में हो बहुत कम समाचार पत्र लिखते हैं या दिखाते हैं के देश की आर्थिक स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है
महंगाई बेरोजगारी अपनी चरम सीमा पर है पिछले 7 वर्षों में पेट्रोल और डीजल रसोई गैस के दामों में बेतहाशा वृद्धि हुई है राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बाकी के समाचार पत्रिका टीवी पहले इस पर बात करने की जगह दो समुदाय के बीच नफरत फैलाने वाला समाचार पत्रों या टीवी चैनलों पर बहस करते है और सरकार का समर्थन करते हुए बहस करते नजर आएंगे देश की समस्या के लिए मौजूदा सरकार की जगह विपक्षि पार्टियों से सवाल किया जाता है
डॉ आसिफ ने कहा आज पूरे विश्व मैं पत्रकारों की आजादी के मामले में भारत 142 वे स्थान पर है इंदिरा गांधी के समय आपातकाल के बाद भारत में कभी ऐसी स्थिति नहीं थी जैसी आज है हमारी पार्टी मांग करती है सभी पत्रकारों पर से मुकदमे वापस लिए जाएं जो जेल में बंद है उनको रिहा किया जाए जिन पत्रकारों की हत्याएं हुई उनके परिजन को उचित मुआवजा दिया जाए और सरकार पत्रकारों को सुरक्षा प्रदान करे