• सबका सहयोग-सबकी सरकार, की विचारधारा के साथ यूपी चुनाव में एआईएमएफ की दस्तक

    इन-दिनों ब्यूरो – कानपुर- उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में ऑल इंडिया माइनॉरिटीज फ्रंट (एआईएमएफ) ने दस्तक दे दी है। सबका सहयोग-सबकी सरकार के नारे के साथ पार्टी यूपी चुनाव के कई शहरों अपने उम्मीदवार को टिकट दे रही है। 

    शनिवार को लखनऊ में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अंजार अनवर खान ने बताया कि एआईएमएफ दो दशकों से ज्यादा पुरानी पार्टी है और देश के कई प्रदेशों में चुनाव लड़ चुकी है। इस बार पार्टी उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में अपने उम्मीदवार उतार रही है। उन्होंने कहा कि समय की मांग है कि देश और लोकतंत्र को तोड़ने वाली राजनीति से आम जनमानस को छुटकारा दिलाया जाए। अनवर खान का मानना है कि सभी धर्मों के धर्म गुरुओं को प्रमुख धारा से जोड़ना चाहिए। 

    पार्टी के राष्ट्रीय सचिव वारिस अली ने कहा कि हमारी पार्टी किसी भी धर्म, जाति या समुदाय के साथ भेदभाव नही करती है। सभी समुदाय के लोगों का हमारी पार्टी में स्वागत है और हम इसी विचारधारा के साथ आन जनता के बीच जाएंगे। उन्होंने कहा कि धर्म और जाति की जगह हमारी पार्टी शिक्षित उम्मीदवारों पर भरोसा करती है। 

    जानकारी देते हुए अंजार अनवर खान ने बताया कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस. एम. आसिफ ने अभी तक प्रदेश में पांच उम्मीदवार घोषित कर दिए है। जिसमे अलीगढ़ के कोल विधानसभा से इरफान अंसारी, शहर से अकील समदानी, कानपुर के कल्याणपुर क्षेत्र से वरिष्ठ पत्रकार अनुराग अग्रवाल, गाजीपुर से शायर मुहम्मद इस्माइल अंसारी और सहारनपुर से वरिष्ठ पत्रकार अहमद रज़ा है। इस मौके पर कानपुर के वरिष्ठ अधिवक्ता विजय बक्शी, पार्टी के पदाधिकारी सफकतुल्ला बेग और कानपुर से ईसाई समुदाय के प्रतिनिधि विनय डेनियल भी मौजूद थे।

  • आल इंडिया माइनोरिटीज फ्रंट संवाददाता सम्मेलन के प्रमुख मुद्दे

    मारा दल धार्मिक आस्थाओं के आधार पर समाज मे बंटवारे के विरुद्ध है। जाति, भाषाओं और क्षेत्रीय आधार पर भेदभाव के खिलाफ संघर्ष का हम संकल्प लेते हैं। भारतीय संविधान और इसमें मौजूद मौलिक अधिकारों के लिए सतत संघर्ष करेंगे। 

    सरकार में आने पर हम देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश को शिक्षा, विज्ञान -तकनीक,उद्योग व्यापार, पारंपरिक उद्योग धंधों और लोक कलाओं को संरक्षण और उसका प्रसार कर सर्वश्रेष्ठ प्रदेश बनाएंगे।

    1. हर घर को 24 घंटे शुद्ध जल उपलब्ध कराएंगे और 25 हज़ार लीटर पानी मुफ्त उपलब्ध कराया जाएगा।

    2. 24 घंटे मिलेगी बिजली और 400 यूनिट मुफ्त बिजली दी जाएगी। 

    3. हर बच्चे को ग्रेजुएशन तक  शिक्षा की गारंटी।

    3. सबको सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा।

    4. छात्रों को भी मुफ्त यात्रा का होगा प्रावधान।

    5. नदियों और शहरों को प्रदूषण मुक्त बनाया जाएगा।

    6. पुलिस में महिलाओं के भागीदारी 40  प्रतिशत करना और महिला सुरक्षा के लिए विशेष रेलों बसों में मार्शल तैनात किए जाएंगे।

    7. झुग्गी बस्तियों को उन्ही स्थानों पर पक्के मकान और सभी बस्तियों में  बुनियादी सुविधाएं।

    8. बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा कराने का प्लान।

    9. इंग्लिश स्पीकिंग की क्लासें ।

    10. सफाईकर्मी की ड्यूटी के दौरान मौत पर उसके परिवार को एक करोड़ का मुआवजा।

    11. मास्टर रोल कर्मचारियों को पक्का करना और – नए सफाइकर्मचारियों की नियुक्ति

    12. किसानों के हक में भूमि सुधार अधिनियम में संशोधन

    13. पुराने वैट मामला की एमनेस्टी स्कीम@ रेहड़ी पटरी वालों को कानूनी संरक्षण

  • आल इंडिया माइनॉरिटीज फ्रंट अपनी पूरी तैयारी से चुनावों में भाग लेने को तैयार है।

    पांच राज्यों में लोकतंत्र के उत्सव यानि विधान सभा चुनावों की तिथियां घोषित हो चुकी हैं। इसकी अधिसूचना बस जारी होनी है। इसलिए जो महानुभाव लोकतंत्र के उत्सव में उम्मीदवार/प्रत्याशी के तौर पर हिस्सेदारी करना चाहते हैं। वह चुनाव लड़ने की तैयारी कर लें।

    हमारी पार्टी आल इंडिया माइनॉरिटीज फ्रंट अपनी पूरी तैयारी से चुनावों में भाग लेने को तैयार है। हमारी पार्टी का इतिहास है कि देश के सबी अल्पसंख्यक समुदायों , भाषायी समूहों और सामाजिक तौर से पिछड़ें व दलित समुदाय के साथ खड़ी रही है। 

    चुनाव आयोग ने घोषणा की है कि उत्तर प्रदेश में 403 सीटों, पंजाब में 117 सीटों, गोवा में 40 सीटों, उत्तराखंड में 70 सीटों और मणिपुर में 60 सीटों पर चुनाव होंगे। इन सीटों पर सैकड़ों उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमाएंगे। 

    आपने सामाजिक कार्यकर्ता, राजनैतिक कार्यकर्ता और अपने अपने सामाजिक व व्यावसायिक/व्यापारिक क्षेत्र में अपनी अलग अलग भमिकाएँ अदा की हैं पर आपके पास चुने हुए राजनीतिक प्रतिनिधि का पद न होने के चलते बहुत से कार्य व लक्ष्य पूरे नहीं हो पाए हैं। हम आपकी इस महत्वाकांक्षा पूरी करेंगे। आपको अपना उम्मीदवार बनाएंगे। आपको चुनाव चिन्ह देंगे । आपको राजनैतिक राहयता के साथ व हर तरह की कानूनी सहायता व सुरक्षा प्रदान करवाएँगे ताकि आप अपना चुनाव प्रचार निर्भीकता के साथ कर सकें।

    आप पहले अपना विधान सभा क्षेत्र निर्धारित कीजिये फिर हमसे संपर्क कीजिये। कौन जाने कल चुनाव जीतकर आप किस पद पर पहुंच जाएं। लोकतंत्र के उत्सव की बारंबार मुबारकबाद के साथ आपका अपना आल इंडिया माइनोरिटीज फ्रंट।

  • Happy New Year 2022

  • केंद्र सरकार देश हित में तालिबान से बात करने की दिशा में बढ़ रहा है : एम आसिफ

    क्या उन पर अभी भी मुकदमा चलेगा जिन लोगों ने तालिबान को लेकर बयान दिया
    एक बयान जारी कर ऑल इंडिया माइनॉरिटी फ्रंट के डॉक्टर सैयद मोहम्मद आसिफ ने कहा मिल रही सूचना के अनुसार देश हित में अफगानिस्तान कि सत्ता पर काबिज होने वाले तालिबान के साथ बात करने के दिशा में भारत तेजी से बढ़ रही है और बहुत जल्द तालिबान के साथ बात प्रारंभ हो सकता है 2 दिन पूर्व रूस के प्रधानमंत्री विला दी पुतिन के साथ 45 मिनट तक टेलीफोन पर वार्ता हुआ उसके बाद ही भारत वार्ता करने के दिशा में बड़ा है

    सूत्रों से यह भी खबर मिल रही थी के केंद्र सरकार अनऑफिशियली रूप से काबुल पर कब्जा करने के बाद सरकार संपर्क में है यह खबर आने के बाद भी सरकार ने इसका खंडन नहीं किया दोहा में भी कई देशों के साथ भारत भी तालिबान के साथ मीटिंग में शामिल रहा है सरकार ने कभी इसका भी खंडन नहीं किया तालिबान से अब सीधे बात करने के बाद रूस चीन पाकिस्तान ईरान के साथ भारत सरकार भी अफगानिस्तान में बनने वाली सरकार को मानवता देने पर विचार कर सकती है

    डॉ आसिफ ने कहा मैंने पहले भी इन दिनों समाचार पत्रों के माध्यम से बयान दे चुका हूं कि देश हित में तालिबान से बात करना चाहिए अफगानिस्तान भारत का पड़ोसी देश है और बरसों से भारत के साथ उसके संबंध और देशों से अच्छे रहे है यह तालिबान 2001 वाले नहीं कुछ बदले बदले से हैं 2021 का तालिबान कुछ अलग है 3 अरब डॉलर से अधिक का प्रोजेक्ट अफगानिस्तान में भारत का चल रहा था भारत क्यों छोड़ दे भारत सरकार तालिबान से वार्ता में यह समझौता करे के जो भी आतंकवादी संगठन भारत के खिलाफ काम कर रही है उनको समर्थन ना करें अपनी धरती का प्रयोग करने दे आज जो कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों में सम्मिलित है अगर वह भागकर अफगानिस्तान में जाते हैं तो उन्हें भारत के हवाले कर दे अफगानिस्तान में रह रहे भारतीयों को पूर्ण रूप से सुरक्षा दिया जाए और व्यापार जिस तरह चल रहा था उसे और बढ़ावा दिया जाए आज के तालिबान भी जानते हैं के भारत के साथ संबंध मजबूत बना करही देश में खुशहाली ला सकते हैं

    डॉ आसिफ ने कहा तालिबान का काबुल पर कब्जा होने के बाद अपने देश से अमेरिका को निकाल कर आजादी हासिल करने की बधाई देने वाले बयान और सोशल मीडिया पर तालिबान सरकार बनने पर कॉमेंट करने या बयान देने वालों पर केंद्र सरकार की पार्टी के उच्च पदों पर बैठे लोगों ने मुसलमानों को कहने लगे जिनको भारत में डर लगता है वह अफगानिस्तान चले जाए इसके पहले पाकिस्तान भेजने की बात की जाती थी अनेक जगहों पर लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए अब जबकि भारत सरकार आने वाले समय में तालिबान सरकार से वार्ता करती है तो जिन लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ है गालियां दी गई है क्या वह वापस होगा भारत सरकार ने आधिकारिक रूप से अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा होने के बाद भी कभी नहीं कहा के अफगानिस्तान पर आतंकवादियों का कब्जा हो गया है

    सरकार खुले तौर पर उन्हें आतंकवादी नहीं मान रही थी लेकिन भारत मैं जिन लोगों ने अमेरिका को अफगानिस्तान से निकालने पर तालिबान का समर्थन किया उन उन को आतंकवादी कहा गया गाली दी गई देश का गद्दार कहा गया मुसलमानों के विनोद माहौल बनाया जाने लगा उन पर मुकदमा दर्ज हुआ हमारी हमारी पार्टी मांग करती है कि जब भारत सरकार देश हित में वार्ता के लिए आगे बढ़ रहा है तो उन लोगों पर से मुकदमा वापस लिया जाए

  • مرکزی حکومت ملک کی مفاد میں طالبان سے بات چیت کی سمت میں آگے بڑھ رہی ہے: ایس ایم آصف

     کیا اب بھی ان کے خلاف مقدمہ چلایا جائے گا جنہوں نے طالبان کے بارے میں بیانات دیے؟

    نئی دہلی 25اگست
    ایک بیان جاری کرتے ہوئے ، آل انڈیا مائناریٹیز فرنٹ کے صدرڈاکٹر سید محمد آصف نے کہا کہ موصولہ معلومات کے مطابق بھارت طالبان کے ساتھ بات چیت کی سمت میں تیزی سے آگے بڑھ رہا ہے جو ملکی مفاد میں اور بہت جلد افغانستان کے اقتدار پر قابض ہیں۔ طالبان 2 دن پہلے بات چیت شروع کر سکتے ہیں ۔ روسی وزیر اعظم ولا ڈی پیوٹن کے ساتھ 45 منٹ کی ٹیلی فون پر بات چیت ہوئی ، اس کے بعد ہی بھارت مذاکرات کی سمت میں بڑا ہے ۔ اسی ذرائع سے یہ خبر بھی مل رہی تھی کہ مرکزی حکومت غیر سرکاری طور پر کابل حکومت رابطے میں ہے ۔ دوحہ میں خبر آنے کے بعد بھی حکومت نے اس سے انکار نہیں کیا ۔ کئی ممالک کے ساتھ ساتھ بھارت بھی طالبان کے ساتھ ملاقات میں شامل رہا ہے۔ حکومت نے کبھی انکار نہیں کیا ۔ اب طالبان سے براہ راست بات چیت کرنے کے بعد روس ، چین ، پاکستان ، ایران کے ساتھ ساتھ ، ہندوستانی حکومت افغانستان میں بننے والی حکومت کو انسانیت دینے پر بھی غور کر سکتی ہے ۔ ڈاکٹر آصف نے کہا کہ میں پہلے ہی اخبارات کے ذریعے بیان دے چکا ہوں کہ ان دنوں جو طالبان سے ملکی مفاد میں بات کرتے ہیں،افغانستان بھارت کا پڑوسی ملک ہے اور برسوں سے بھارت کے ساتھ رہا ہے۔

    دوسرے ممالک کے ساتھ اس کے تعلقات اچھے رہے ہیں ۔ یہ طالبان 2001 سے نہیں ہیں ، لیکن 2021 کے طالبان مختلف ہیں جو بھی دہشت گرد تنظیم بھارت کے خلاف کام کر رہی ہے اس کی حمایت نہ کریں ۔ آج وہ لوگ جو کشمیر میں دہشت گردانہ سرگرمیوں میں ملوث ہیں اگر وہ بھاگ کر افغانستان جاتے ہیں تو پھر انہیں بھارت کے حوالے کر دیں اور افغانستان میں رہ رہے بھارتیوں کو مکمل تحفظ دیا جائے اور تجارت کو اسی طرح فروغ دیا جائے جس طرح یہ چل رہا تھا ۔ آج کے طالبان بھی جانتے ہیں کہ بھارت کے ساتھ تعلقات کو مضبوط بنا کر وہ ملک میں خوشحالی لا سکتے ہیں۔

    ڈاکٹر آصف نے کہا کہ طالبان کا کابل پر قبضہ امریکہ کو ان کے ملک سے نکال کر آزادی حاصل کرنے پر امریکہ کو مبارکباد دینے کے بیانات کے بعد اور سوشل میڈیا پر طالبان حکومت کی تشکیل پر تبصرہ کرنے یا بیانات دینے کے بعد ، لوگ اونچے میں بیٹھے ہیں ،مرکزی حکومت کی پارٹی کے عہدوں نے ایسے مسلمان کہنے شروع کر دیے کہ بھارت میں اجازت نہیں ہے۔ پہلے پاکستان بھیجنے کی باتیں ہوتی تھیں۔ کئی جگہوں پر لوگوں کے خلاف مقدمات درج کیے گئے ۔ اب جب کہ بھارتی حکومت آنے والے وقت میں طالبان حکومت کے ساتھ بات چیت کرتی ہے ، پھر جن لوگوں کے خلاف مقدمہ درج کیا گیا ہے ، ان کے ساتھ زیادتی ہوئی ہے ، کیا وہ واپس لوٹیں گے؟

    ہندوستانی حکومت نے باضابطہ طور پر طالبان کے افغانستان پر قبضے کے بعد بھی کبھی یہ نہیں کہا کہ افغانستان پر دہشت گردوں کا قبضہ ہے ، ان کے ساتھ زیادتی کی گئی ، انہیں ملک کا غدار کہا گیا ، ان کے خلاف مزاح کا ماحول بنایا گیا ۔ ہمارے پارٹی کا مطالبہ ہے کہ جب ہندوستانی حکومت ملکی مفاد میں مذاکرات کے لیے آگے بڑھ رہی ہے تو ان لوگوں کو ان سے واپس لے لیا جائے۔

  • امام حسین کی شہادت رہتی دنیا تک یاد رکھا جائے گا : ایس ایم آصف

     آج کئی ملک میں تخت نشین ہونے یابچانے کے لئے جو کر رہے ہیں وہ یزید کے پیروکار ہیں :اے آئی ایم ایف

    نئی دہلی 22اگست
    ایک بیان جاری کر کرتے کرتے ہوئے آل انڈیا مائنارٹی فرنٹ کے ڈاکٹر سید محمد آصف نے کہا امام حسین رضی اللہ عنہ کی شہادت رہتی دنیا تک یاد رکھی جائے گی منافق یزید ایک ظالم حکمران تھا اقتدار کے نشے میں اس کے وزیر اور گورنر عیش و عشرت میں اس قدر ڈوب گئے تھے کہ عوام کی اس کو فکر نہیں تھی حکمران یزید کے خلاف یا اس کے ماتحت وزرائ اور گورنر کے خلاف جو بھی آواز بلند کرتا تھا اس کی زبان کاٹ دی جاتی تھیں جیل میں ڈال دیا تھا یا پھر قتل کر دیا جاتا تھا عیاشی اور شراب نوشی ان کے آگے حرام نہیں تھا لوگوں کو خوفزدہ کر لوگوں کو اپنی حمایت کے لیے مجبور کر دیا تھا شام کوفہ مدینہ اور مکہ کے لوگ اس سے بیزار ہو گئے تھے

    کوفہ کے لوگوں نے نبی صلی اللہ علیہ وسلم کے نواسے حضرت امام حسین رضی اللہ عنہ کو 10 ہزار مکتوب ارسال کر کوفہ بلایا جب اس کی اطلاع یزید اور اس کے گورنر کو ہوئی تو ظلم تشدد کر کوفہ والو کو امام حسین رضی اللہ عنہ کی حمایت نہیں کرنے پر مجبور کر دیا اور دریائے فرات کہ میدان میں اپنے کنبہ کے ساتھ خیمہ زن ہو گئے جو بعد میں تقریبا 14سو سال سے یہ دریائے فرات کا میدان کربلا کے نام کے مصور ہوگیا اور چاروں طرف سے یزید کے سپاہیوں نے محاصرہ کرلیا اور امام حسین کو پیغام دیا کے ہماری ظالم ظلم تشدد عیاش شرابی حکمران کے ہاتھ پر بیعت کر ان کی حکمرانی کو تسلیم کر لیجئے اور امن و امان سے مدینہ لوٹ جائے یا پھر جنگ کرنے کے لئے تیار ہو جائیں لیکن امام حسین نے ایسے حکمران سے سمجھوتہ کرنے جگہ جنگ لڑ کر اپنے کنبہ کے ساتھ شہید ہو جانا بہتر سمجھا ایک جانب امام حسین کے ساتھ مرد وزن ملا کر 72 لوگ تھے اور یزید کی 50 ہزار سے زیادہ فوج یزید کے سپاہیوں نے ان لوگوں پر ظلم و تشدد کی انتہا کر دی اپنی پیاس بجھانے کےلئے دریائے فرات کا پانی بند کر دیا

    سپاہیوں کا دریائے فرات پر پر پہرہ لگا دیا تاکہ مجبور ہو کر یزید کی حکمرانی کو تسلیم کرلیں لیکن امام حسین رضی اللہ عنہ نہیں مانے ایک ایک کر اپنے خاندان والوں کی قربانی کی میدان جنگ میں قربانی دیتے رہے دس محرم الحرام کو نماز عصر سے قبل میدان جنگ میں اتر کر یزید کے فوجوں کے ساتھ جنگ کرتے ہوئے عصر کی نماز کے وقت زخموں کی تاب نہ لاکر بیٹھ گئے عصر کی نماز ادا کرنے کے لئے سجدے میں چلے گئے اور سجدے میں اپنی گردن کٹوا کر شہید ہوگئے لیکن ظالم حکمران کی حکومت کو تسلیم نہیں کیا اور لوگوں رہتی دنیا تک سبق دے گئے کے ظالم علم اور ظلم کے خلاف آواز بلند کرو اور ضرورت ہو تو جان و مال کی قربانی دے دو لیکن خاموشی سے نہ ظلم سہو اور نہ اس کی حمایت کرو آج دنیا کے کئی ملکوں میں اپنی حکومت بچانے کے یا حکومت پر قابض ہونے کے لیے عوام سے بے فکر لوگوں کی ضروریات زندگی مذہبی آزادی دی بولنے کی آزادی دوسرے مذہب کے لوگوں کے کے عقیدے کو پامال کر اپنی اجارہ داری قائم کرنے کے لیے ظلم تشدد کے سہارے آ ختم کرنے کی دنیا کے کئی ملکوں میں کوشش کی جا رہی ہے اور لوگ تماشا دیکھ رہے ہیں یا ان کا ساتھ دے رہے ہیں ڈاکٹر آصف نے کہا آج امام حسین کے دیے گئے سبق اور شہادت کو بھول گئے ہیں ان کی راہ پر چلنے کے بعد ہی دنیا میں امن و امان قائم ہو سکتا ہے۔

  • अफगानिस्तान में भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करें मोदी- डॉ आसिफ

    तालिबानी शासन के साथ भारत सरकार अपनी स्तिथि स्पस्ट करे- माइनोरिटीज फ्रंट

    sm-asif-picनई दिल्ली। आल इंडिया मैनोरिटीज़ फ्रंट के अध्यक्ष डॉ सैयद मोहम्मद आसिफ ने अफगानिस्तान में हुए सत्ता परिवर्तन पर चिंता प्रकट करते हुए कहा है कि अफगानिस्तान में सभी भारतीयों की सुरक्षा का प्रबंध प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को युद्धस्तर पर करना चाहिए।

    डॉ आसिफ ने यहां जारी बयान में कहा कि प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री बताएं कि  किस प्रकार  हमारे राजदूत, स्टाफ और हमारे नागरिक भारत सुरक्षित वापस आएंगे और अफगानिस्तान के साथ हमारी भविष्य की रिलेशनशिप और रणनीति अब क्या होगी।

    उन्होंने कहा कि स्तिथि अत्यंत गंभीर मोड़ पर है तालिबान पाकिस्तान  से पाकिस्तान के संरक्षण में भारत विरोधी उग्रवादी गतिविधि करते हैं और हमारी सेनाओं और हमारे नागरिकों को निशाना बनाते हैं।

    उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान मौजूद स्वरूप बदल चुका है , वहां तालिबान का कब्जा हो गया है, तो भारत सरकार की खामोशी आत्मघाती हो सकती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  से अनुरोध है कि चुप्पी तोड़ें और बताएं भारतीय नागरिकों की सुरक्षित देश वापसी कैसे और कब होगी। इस अति गंभीर माम्पले पर विपक्ष को भी विश्वास में लीजिए।

    माइनोरिटीज फ्रंट के अध्यक्ष ने कहा कि  इनका सीधा-सीधा असर हमारी सीमा, खासतौर से जम्मू-कश्मीर पर पड़ता है, इसलिए देश के सामरिक हितों की रक्षा के लिए क्या कारगर कदम उठाए जाएंगे, इस बारे चर्चा करके देश को विश्वास आप विश्वास में लें।

    डॉ आसिफ ने कहा कि अफगानिस्तान में हालात दिल दहला रहे हैं, एयरपोर्ट से, लोग सीढ़ियों पर लटक कर गिर रहे हैं, मौत हो रहीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी बयान में यह कहना, हैरत में डालने वाला है कि हिंदुस्तानियों को वापस लाने की हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं।  हिंदुस्तानियों को वतन वापसी, सुरक्षित तौर होनी चाहिए। मोदीजी भविष्य की रणनीति क्या है, इसको लेकर देश को विश्वास में लीजिये।

  • افغانستان میں ہندوستانیوں کی حفاظت کو یقینی بنانائیں مودی جی :ڈاکٹر آصف

    طالبان حکومت کے ساتھ اپنی پوزیشن واضح کرے حکومت ہند:آل انڈیا مائنارٹیزفرنٹ

    sm-asif-picنئی دہلی16اگست
    افغانستان میں اقتدار میں تبدیلی پر تشویش کا اظہار کرتے ہوئے آل انڈیا مائنارٹیز فرنٹ کے صدر ڈاکٹر سید محمد آصف نے کہا ہے کہ وزیر اعظم نریندر مودی کو افغانستان میں تمام ہندوستانیوں کی حفاظت کا انتظام جنگی بنیادوں پر کرنا چاہیے۔
    یہاں سے جاری ایک بیان میں ڈاکٹر آصف نے کہا کہ وزیر اعظم اور وزیر خارجہ کو وضاحت کرنی چاہیے کہ ہمارے سفیر ، عملہ اور ہمارے شہری بحفاظت ہندوستان کیسے واپس آئیں گے اور افغانستان کے ساتھ اب ہمارے مستقبل کے تعلقات اور حکمت عملی کیا ہوگی۔

    انہوں نے کہا کہ صورتحال انتہائی سنگین موڑ پر ہے ، طالبان پاکستان سے پاکستان کے تحفظ کے تحت بھارت مخالف انتہا پسندانہ کارروائیاں کرتے ہیں اور ہماری افواج اور ہمارے شہریوں کو نشانہ بناتے ہیں۔

    انہوں نے کہا کہ افغانستان کی موجودہ شکل بدل گئی ہے ، طالبان نے وہاں قبضہ کر لیا ہے ، اس لیے بھارتی حکومت کی خاموشی خود کشی ہو سکتی ہے۔ وزیر اعظم نریندر مودی سے درخواست ہے کہ وہ خاموشی توڑیں اور بتائیں کہ ہندوستانی شہری کیسے اور کب بحفاظت ملک واپس آئیں گے۔ اس انتہائی سنجیدہ معاملے پر اپوزیشن کو اعتماد میں لیں۔

    اے آئی ایم ایف صدر نے کہا کہ ان کا براہ راست اثر ہماری سرحد خصوصا جموں و کشمیر پر پڑتا ہے ، لہذا ملک کے اسٹریٹجک مفادات کے تحفظ کے لیے کیا موثر اقدامات کیے جائیں گے اس پر تبادلہ خیال کرکے ملک کو اعتماد میں لیں۔

    ڈاکٹر آصف نے کہا کہ افغانستان کے حالات دل دہلا دینے والے ہیں ، ائیرپورٹ سے لوگ گر رہے ہیں ، سیڑھیوں پر لٹکے ہوئے ہیں ، مر رہے ہیں۔ انہوں نے کہا کہ سرکاری بیان میں یہ کہنا افسوسناک ہے کہ ہندوستانیوں کو واپس لانے کی ہماری کوئی ذمہ داری نہیں ہے۔ ہندوستانیوں کو بحفاظت وطن واپس آنا چاہیے۔ مودی جی ، مستقبل کی حکمت عملی کیا ہے ، ملک کو اعتماد میں لیں۔

  • स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई वैक्सीन लेने वाले भी मास्क का प्रयोग करें : एस एम आसिफ

    वैक्सीन लेने वाले ढाई लाख लोग कोरोना संक्रमित हो गय  झंडा तोलन में मास्क लगाकर जाएं: AIMF

    sm-asif-picनई दिल्ली  –  एक बयान जारी कर ऑल इंडिया माइनॉरिटी फ्रंट के डॉ सैयद मोहम्मद आसिफ ने कहा कोरोना अभी हारा नहीं खतरा बरकरार है स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार देश में टीका लगाने वाले ढाई लाख लोक कोरोना संक्रमित हो गय हैं देशभर में 2 लाख 58 हजार 560 व्यक्तियों में ब्रेकथ्रू इंफेक्शन यानी टीका लेने के बाद भी संक्रमित हो गए हैं वैक्सिंग का पहला डोज लेने के बाद 1 लाख 71 हजार 511 और दूसरी डोज के बाद 87 हजार 49 लोगों में ब्रेकथ्रू इंफेक्शन हो गया है भारत में चल रहे टीका अभियान में तीन टीके दिए जा रहे हैं को वैक्सीन कोवी शिल्ड स्पूतनिक मैं ब्रेकथ्रू इंफेक्शन से ग्रस्त मरीज की पहचान हुई है

    अब तक जितने टीके पड़े हैं उसमें से 0.048% ब्रेकथ्रू इंफेक्शन से ग्रस्त मरीज पाए गए डॉ आसिफ ने कहा डॉक्टरों के अनुसार इससे चिंतित होने की बात नहीं है यह मानकर चलना चाहिए के 5% से 20% वैक्सीन का दोनों डोज जीने के बाद भी कोरोना संक्रमित हो सकते हैं इसलिए जरूरी है के कोरोना से बचाव के लिए हमें जागरूक रहना पड़ेगा सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना होगा और घर से निकलते समय किसी भी सार्वजनिक स्थान पर मास्क का प्रयोग करना पड़ेगा वैक्सिंग देने के बाद भी अगर हमने लापरवाही की तो हम कोरोना के शिकार हो सकतेy हैं यहां भी वही स्लोगन अपनाना होगा सावधानी हटी दुर्घटना घटी डॉ

    आसिफ ने कहा टीका नहीं लेने वालों पर 80% संक्रमित होने का खतरा बना रहता है इसलिए अपने नजदीकी वैक्सीनेशन सेंटर पर जाकर खुद भी टीका लगवाए और परिवार के साथ 18 साल से ऊपर के आयु के लोगों को भी टीका लगवाएं अभी भी प्रतिदिन 38 से 40 हजार नए कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे हैं 400 से 500 लोगों की बुद्धू हो रही है आज भी एक्टिव केस 4 लाख से ऊपर बने हुए है बच्चों के स्कूल खोल खुल गए हैं और कई राज्यों में 1 सितंबर से स्कूल खोलने की प्रक्रिया पर विचार हो रहा है शिमला में स्कूल खुलने के बाद बंद हो गए हैं भगत सहित 170 देशों में 12 साल तक के बच्चों को टीकाकरण अभी शुरू नहीं हुआ ह स्कूलों में कोरोना प्रोटोकॉल का ध्यान नहीं रखा जाता है तो बच्चे संक्रमित हो सकते हैं